ट्रेन से कटकर हाे रही दर्दनाक मौताें पर अंकुश लगाने में रेलवे विफल साबित हो रहा है। विगत 12 माह में पटरी पार करने के दौरान मधुबनी-जयनगर रेलखंड पर 6 से अधिक लोगों की मौत ट्रेन से कट जाने से हो गई है। यह रेलवे का आंकड़ा है। जबकि एक साल के अंदर इससे ज्यादा लोगों की जान पटरी पार करने के क्रम में हुई है। गुरुवार को ही कोरहिया हाॅल्ट के नजदीक डीहटोल के पास पिता-पुत्री की मौत पटरी पार करने के समय ट्रेन से कट जाने से हो गई। रेल की पटरियों को पार करना कानूनी तौर पर अपराध है। रेलवे अधिनियम की धारा 147 के तहत रेल की पटरियों को पार करने के अपराध में व्यक्ति को पकड़ा जा सकता है। ऐसा करते हुए पाए जाने पर व्यक्ति को 6 महीने तक की सजा हो सकती है ताे वहीं 1000 रुपए तक जुर्माने का भी प्रावधान है। रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया की एक साल में पटरी पार करने के मामले में एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है। लोग कुछ मिनट बचाने अाैर लापरवाही बरतने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। बता दें कि जयनगर गुमटी-39 रेलवे की नजर में बंद है। लेकिन इस गुमटी से होकर प्रतिदिन हजारों वाहन व लोगों का आना-जाना लगा रहता है। कई बार इस गुमटी पर दर्दनाक हादसे हाे चुके हैं।
ट्रैक पार करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की जरूरत
रेलवे ट्रैक पार करने वालों के विरुद्ध रेलवे के द्वारा कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। वहीं, कवर्ड फाटक लगाए जाने की जरूरत है। वहीं, पीडब्लूआई पंकज राज ने बताया कि रेलवे द्वारा समय-समय पर पटरी पार नहीं करने अाैर सावधानी बरतने को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।
लोगों में जागरुकता का दिख रहा है अभाव
बता दें कि जयनगर से मधुबनी तक कुल 40 मेन फाटक है। सभी पर गेटमैन पदस्थापित हैं। फाटक नंबर सात व फाटक नंबर आठ पर दो-दो मेन फाटक हैं। लेकिन लोगों में जागरुकता का अभाव है। इस कारण फाटक बंद रहने के बावजूद लोग बगल से निकलने का प्रयास करते हैं।
गुरुवार को पिता-बेटी की कटकर हुई माैत, एक साल में छह की गई जान
जयनगर में गुमटी नंबर-39 को पार कर रहे लोग। लोगों की इस लापरवाही के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
source: Sunil Kumar ,Dainik Bhaskar