बीते मार्च महीने से सील भारत-नेपाल सीमा के अभी खुलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। सीमा खोलने के लिए दोनों देशों के लोग कई बार भारतीय व नेपाली दूतावास से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई सार्थक निर्णय नहीं हो सका है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारत-नेपाल व चीन की सीमाओं पर आवागमन पर रोक बरकरार है। नवंबर माह में नेपाल कैबिनेट की बैठक में सीमा सील की अवधि 17 दिसंबर तक निश्चित की गई थी। सरकार के प्रवक्ता विष्णु देवराज ने मंगलवार को नेपाली मीडिया को बताया कि अभी भी कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। भारत, नेपाल और चीन की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को खोलने का विचार नहीं है। फिलहाल अगले आदेश तक सीमा सील रहेगी।

सीमा सील होने से ठप हो गया है पर्यटन व्यवसाय
नेपाल में पर्यटन उद्योग प्रमुख व्यवसाय माना जाता है। वहां की 90 फीसद आबादी पर्यटन व्यवसाय पर आश्रित है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए 21 मार्च को ही भारत-नेपाल सीमा सील कर दी गई थी। कुछ दिनों बाद वीजा धारकों के लिए नेपाल सरकार ने अनुमति प्रदान कर दी, लेकिन भारतीय नागरिकों के लिए नेपाल में प्रवेश के दरवाजे अब भी बंद हैं।
ज्ञात हो भारत-नेपाल का रिस्ता रोजी – रोटी का है, बॉर्डर इलाके के व्यापार गण को इस बॉर्डर सील के कारन काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा

इलाज कराने वालों को भी नहीं मिल रहा प्रवेश
यहां भारत के विभिन्न क्षेत्रों से लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। कई लोग तो ऐसे हैं जो आपरेशन कराने के बाद चिकित्सक को दिखाने दुबारा नेपाल नहीं जा सके। बीते दिनों नेपाल सरकार ने ऐसे मरीजों को रियायत देने की बात कही थी,लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई अनुमति नहीं दी जा सकी है।